सोमवार, 25 जुलाई 2011
शनिवार, 16 जुलाई 2011
लोकसभा की मंडी में -rajveer singh
लोकसभा की मंडी में,
सब्जी क्या, सांसद बिकता है,
आलू, गोभी, भिन्डी, तोरी,
कालाधन जोर से चलता है....
महंगाई सीना चीरती है,
बेबसी कपड़े फाड़ती है,
इस मंडी का कहना क्या ,
मनमोहन इसका आढती है...
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
गरीबों में बांट दो अनाज सड़ता है,
अपने मनमोहन को इससे क्या फर्क पड़ता है.
कोर्ट ने कहा दे दो गुरु को फांसी,
मनमोहन बोले ना जी,
काटजू बोले छोड़े दे उसको
मनमोहन सोचे ये बोला किसको
हमको भ्रष्टाचार से नहीं है फुर्सत,
काले धन से नहीं है फुर्सत...
सब्जी क्या, सांसद बिकता है,
आलू, गोभी, भिन्डी, तोरी,
कालाधन जोर से चलता है....
महंगाई सीना चीरती है,
बेबसी कपड़े फाड़ती है,
इस मंडी का कहना क्या ,
मनमोहन इसका आढती है...
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
गरीबों में बांट दो अनाज सड़ता है,
अपने मनमोहन को इससे क्या फर्क पड़ता है.
कोर्ट ने कहा दे दो गुरु को फांसी,
मनमोहन बोले ना जी,
काटजू बोले छोड़े दे उसको
मनमोहन सोचे ये बोला किसको
हमको भ्रष्टाचार से नहीं है फुर्सत,
काले धन से नहीं है फुर्सत...
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